JSSC CGl Paper Leak News: पेपर लीक मामले में आयोग एवं परीक्षा एजेंसी जिम्मेदार जानिए कैसे?

JSSC CGl Paper Leak News

JSSC CGl Paper Leak News: झारखंड सीजीएल परीक्षा पेपर लीक को लेकर बहुत बड़ा खुलासा देखने को मिल रहा है जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में कथित गड़बड़ी मामले की जांच कर रही SIT टीम की रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा एवं तथ्य सामने आ गए हैं जी हां आखिर SIT की रिपोर्ट्स में ऐसा क्या देखने को मिला अब आयोग पर सवाल खड़े होने लगे आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम SIT की रिपोर्ट्स में आए हुए कुलसी के बारे में एक-एक विस्तार से जानकारी देने वाले हैं कि जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक का मामला क्या है?

4 फरवरी को परीक्षा हुआ था रद्द

जैसा कि हम सभी जानते हैं 28 जनवरी को जेएसएससी सीजीएल 2023 परीक्षा का आयोजन किया गया था लेकिन परीक्षा शुरू होने से पूर्व ही इसका पेपर पूरी तरह से लीक हो गया था एवं पूरे सोशल मीडिया पर परीक्षा से पहले ही क्वेश्चन सर्कुलेट होने लगे थे और इसके साथ ही परीक्षा के दिन ही बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए एवं परीक्षा में धांधलीकरण आरोप लगाते हुए परीक्षा को रद्द करने का छात्र मांग करने लगे और इसके बाद झारखंड सरकार ने परीक्षा के तीन दिन वारियां की 31 जनवरी को परीक्षा तत्काल रद्द कर दिया था और इसके साथ ही 4 फरवरी को होने वाली परीक्षा भी रद्द कर दिया

इसके पश्चात 6 फरवरी को किया गया था एसआईटी टीम का गठन

झारखंड राज्य सरकार ने परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच कराने हेतु 6 फरवरी को एसआईटी टीम का गठन किया था एवं जांच में सीट की टीम ने बड़ा खुलासा किया है एसआईटी ने कोर्ट को एक रिपोर्ट भी सौंप दिया है जिसमें बताया जा रहा है की परीक्षा में पेपर लिखकर मामले में परीक्षा एजेंसी सतवत इंफोसॉल प्राइवेट लिमिटेड एवं आयोग भी जिम्मेदार है

रिपोर्ट्स में आए खुले से यह भी दावा करता है कि छापा खाने से लेकर रांची ट्रेजरी में पेपर रखने में भारी सुरक्षा में चूक हुई है ट्रक से पेपर उतार कर ट्रेजरी में रखने के लिए कोई कर्मचारी एवं मजदूरों को लगाया गया था और इस दौरान कोई कर्मचारी ने अपना मोबाइल साथ में रखा हुआ था और इसके अलावा पेपर लीक में कोई गड़बड़ियां का जिक्र रिपोर्ट में भी किया गया है.

आखिर परीक्षा पेपर में कैसे हुई थी गड़बड़ी ?

आई दोस्तों अब समझते हैं की परीक्षा एजेंसी से हुई लापरवाही के बारे में रिपोर्ट्स के कुलसी में यह बताया जा रहा है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का पेपर तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी सतवत इंफोसॉल प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था पूरा काम एजेंसी के क्लाइंट रिलेशनशिप मैनेजर तन्मय कुमार दास के देखरेख में ही हुआ था परंतु पेपर चेन्नई एवं रांची के शिक्षकों ने तैयार किया था

सहायक शिक्षक ने पति के लैपटॉप से किया था पेपर सेट

वहीं परीक्षा पेपर का रीजनल लैंग्वेज पंचपड़गानिया भाषा का पेपर विमेंस कॉलेज की सहायक प्रोफेसर सविता कुमारी मुंडा ने सेट किया था जिसमें उनके पति एंथोनी मुंडा ने सविता का हेल्प किया जो खुद सीजीएल परीक्षा का अभ्यर्थी भी था सविता मुंडा ने इस बात की जानकारी ना तो आयोग को दी थी और ना ही परीक्षा एजेंसी को दिया था

28 जनवरी 2024 को सीजीएल की परीक्षा हुई थी उसे दौरान सविता के प्रति एंथनी ने भी परीक्षा दी थी लेकिन पेपर लीक होने की पश्चात परीक्षा को रद्द कर दिया गया था सविता के अनुसार पीएचडी करने के दौरान वह तन्मय से पहली बार मिली थी

पेपर सेट करने के लिए कोई भी एग्रीमेंट नहीं बना था

सितंबर 2022 में तनहाई ने फोन कर एक महीने में तीन सेट में पेपर तैयार करने को कह दिया सिलेबस व्हाट्सएप पर भेजा गया एवं सविता ने अपने पति के लैपटॉप पर तैयार किया इसका प्रिंट आउट तन्मय को दे दिया जबकि ओरिजिनल पेपर लैपटॉप में ही रह गया फिर एक महीने पर चार महीने तीन सेट और पेपर तैयार कर लिया और पेपर तैयार होने पर एंथोनी लैपटॉप लेकर बस स्टैंड पहुंच गया

जहां तन्मय ने पेन ड्राइव में पेपर कॉपी कर लिया एवं ओरिजिनल कॉपी को लैपटॉप में ही छोड़ दिया इन सबों में सबसे हैरान करने वाली बात यह निकालकर आ रही थी कि पेपर सेट करने के लिए कोई भी लिखित एग्रीमेंट तैयार नहीं किया गया था बस सिर्फ फोन कॉल पर हुई बात पर ही सारा प्रक्रिया चल रहा था.

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इसके अतिरिक्त नागपुरी जैसी भाषा का पेपर खूंटी के बिरसा कॉलेज में अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर अंजू लता ने तैयार किया था उन्होंने एसआईटी को यह भी बताया है कि तन्मय ने नवंबर 2023 में सीजीएल परीक्षा हेतु तीन सेट नागपुरी के 100 प्रश्न तैयार करने को कहा कोई भी पत्र देने से इनकार करते हुए उनके मोबाइल पर ही सिलेबस भी भेज दिया था

1 महीने पश्चात उन्होंने पेपर तैयार कर लिफाफे में तन्मय को दे दिया जिस पर ना कोई सेल था ना ही किसी तरह का कोई हस्ताक्षर कुछ दिन बाद फिर पेपर भेज कर सुधार करने को कह दिया लेकिन 28 जनवरी को परीक्षा में जो पेपर दिया गया उसमें अधिकतर क्वेश्चन उनके तैयार किए हुए ही थे

इसके साथ भी 15 दिन का वीडियो फुटेज स्टोर नहीं

दरअसल एसआईटी ने कोर्ट को यह भी जवाब दिया है कि पुलिस ने शतपथ इंफोसिल के नेटवर्क को ऑर्डिनेटर अरविंद से पेपर की छपाई हेतु सीसीटीवी फुटेज मांगा था तो उन्होंने बताया है कि द्वार में सिर्फ 15 दिन का वीडियो फुटेज स्टोर रहता है तब तक का फुटेज नहीं है पुलिस ने कंपनी की सीईओ सुनिधि रमेश आनंद से परीक्षा संचालन को लेकर तैयार एसोपी मांगी तो बताया गया कि ऐसा कुछ तय नहीं है

14 फरवरी को पहुंचा था SIT की टीम चेन्नई

इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए एसआईटी जांच की कड़ी को जोड़ते हुए 14 फरवरी को चेन्नई के पैरों गुंडी के राजीव नगर स्थित सतवत इन्फो सेल के प्रिंटिंग प्रेस पहुंची और जांच में यह देखा गया की प्रिंटिंग वाले कमरे के दरवाजे में छेद था जहां से आसानी से पेपर बाहर फेंका जा सकता था और इसके साथ ही पेपर तैयार करने की पूरी जिम्मेदारी एजेंसी के अधिकारी मधुमती व कुलनई येसु पर ही था

उनके नेतृत्व में 20 लोगों ने पेपर की छपाई प्रक्रिया को किया प्रिंटिंग प्रेस जाने से पहले उनका मोबाइल जमा कर लिया जाता था लेकिन मशीन की खराबी ठीक करने एक कारीगर तीन दिन मोबाइल लेकर अंदर गया कुछ तस्वीरें भी खींची तीन लिफाफे में मुझे एसएससी को तीन सेट दिए गए थे उसमें एक सेट का चयन कर जेएसएससी ने तन्मय को दे दिया था

इसके पश्चात जेएसएससी ने विशेष सतर्कता नहीं भारती प्रिंटिंग प्रेस के मेंटेनेंस मैकेनिक अरे प्रवीण ने बताया है कि कोई बार छापे पेपर को मैन्युअल हैंडल किया गया वहीं एक कर्मचारी राजेश कई बार छपाई वाली जगह जाता था एवं मोबाइल से मशीन आदि की फोटो लेता था 11 कंटेनर से पेपर वह तीन कंटेनर से ओएमआर शीट रांची भेजा गया और एजेंसी के कर्मचारी ही साथ थे कंटेनर की सुरक्षा की व्यवस्था भी नहीं थी

जैसे ही जेएसएससी सीजीएल परीक्षा के लिए बनाई गई पेपर रांची पहुंची वहां पर पेपर वह ओएमआर शीट जेएसएससी वह ट्रेजरी ऑफिसर की मौजूदगी में रांची ट्रेजरी में रखा गया बाहर तो वीडियो ग्राफी कराई गई लेकिन अंदर वीडियो ग्राफी बिल्कुल नहीं हुई जबकि कर्मचारी वह मजदूरों के पास मोबाइल भी थे

इसके साथ ही एसआईटी ने यह भी रिपोर्ट सॉफ्टवेयर कहा है कि प्रश्नपत्रों की टाइपिंग छपाई पैकेजिंग भंडारण की जगह सीसीटीवी की निगरानी में होने चाहिए थी जो नहीं किया गया और ऐसे में कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ सबूत खत्म करने का आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए अब देखना होगा कि कोर्ट इस पूरे मामले को लेकर क्या कुछ कहता है और जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक को लेकर क्या कुछ निष्कर्ष निकाल कर आ रहा है?

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