Jharkhand Election Result:झारखंड में नहीं चला मोदी/शाह का जादू टूट गया 24 साल का रिकॉर्ड क्योंकि झारखंड में फिर बनने वाली है हेमंत सरकार 24 साल के अंदर पहली बार कोई पार्टी मजबूती के साथ सत्ता में वापसी कर रही है ऐसे में सवाल उठता है कि झारखंड में पूरी ताकत झोकने के बावजूद भी बीजेपी क्यों फीसड़ी रह गई,ओवर कॉन्फिडेंस या चुनावी रणनीति आखिर किसके कारण बीजेपी को हुई करारी हार,आइये जानते है
झारखंड में बीजेपी की हार की कारण –
1.पहला कारण
जमीन अधिकरण मामले में हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा था जिसे उन्होंने आदिवासी अस्मिता से जोड़ दिया और घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश की गरीबों के नेता हेमंत सोरेन को भाजपा ने साजिश के तहत जेल में डाला जिसके काउंटर में बीजेपी की कोई खास रणनीति और हेमंत सोरेन बहुत हद तक आदिवासी समय बड़ी आबादी को यह बताने में कामयाब भी हो गए कि उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है और यह सब बीजेपी की बदले की राजनीति है.
2 कारण : अगला कारण आदिवासियों में गुस्सा होना है अपनी गिरफ्तारी के साथ-साथ हिम्मत दे यह भी दावा किया की पूर्ण बहुमत होने के बावजूद हेमंत को 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया हेमंत की पार्टी और आरक्षण जैसे मुद्दे पर भी बीजेपी को खेल रही थी विधानसभा से प्रस्ताव पास हो चुका है लेकिन राज्यपाल ने इसे मंजूरी नहीं दी ऐसे में हेमंत ने आदिवासी अस्मिता का मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ माहौल बना दिया और इसका असर नतीजे में भी दिखा आदिवासी बहुल्ले इलाकों में बंपर जीत हासिल की है.
महिला वोट बैंक पर हेमंत का कब्जा
हेमंत सोरेन जेल से आने के पश्चात जुलाई 2024 में अपना सीट ग्रहण करने के बाद महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना लेकर आया जिसके कारण से उसे महिलाओं के प्रति एक अलग लेवल करवा देखने को मिला क्योंकि महिलाओं के लिए मैया सम्मान योजना लागू की इस योजना के तहत हर महिलाओं के बैंक खाते में 1000 रुपए प्रतिमाह डाले गए भाजपा इसका कोई तोड़ नहीं खोज पाए वहीं हेमंत ने पत्नी कल्पना को भी चुनावी मैदान में उतार दिया कल्पना ने पूरे चुनाव में करीब 100 रैलियां किया और सभी में महिलाओं की भारी भीड़ नजर आए
बीजेपी की बड़े नेता हुए फ़ैल
बोकारो से काद्यावर नेता, देवघर में नारायण दास गोंडा में अमित मंडल और और जगन्नाथपुर में मधुपुर की पत्नी कमाल नहीं दिखा पाई यहां तक की चम्पाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन ने भी पार्टी को निराश किया ऐसे में बीजेपी के ज्यादातर हार नजर आए यानी कुल मिलाकर भाजपा ने जिन सीटों पर बड़े नेताओं को तैयार किया था वहां पर साबित हो रही बड़े नेताओं का सीट का जीत पाना भी बीजेपी के लिए बुरी खबर साबित हुई.
BJP (बीजेपी) के पास सीएम पद के लिए लोकल लेवल का अच्छे नेता नहीं थे
झारखंड में पहले से ही चर्चा थी कि बीजेपी की ओर से CM कौन होगा यानी भाजपा के पास लोकल लेवल पर कोई मजबूत चेहरा नहीं था और जिन दो चेहरों की चर्चा हो रही थी यानी बाबूलाल मरांडी और चंपई सोरेन को यह दोनों विधानसभा में बीजेपी की ओर दाल बदलो नेता रह चुके चंपई सोरेन लोकसभा चुनाव की ठीक कुछ दिनों के बाद ही बीजेपी में आए हैं ऐसे में बीजेपी के लिए यह भी कारण बहुत हानि साबित हुआ है.
दोस्तों अब बारी है आपकी राय का आपको क्या लगता है झारखंड में बीजेपी की हार का क्या वजह हो सकता है आप अपना राय कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं -धन्यवाद